ऑटोनोमस कॉलेज में यूजी और पीजी के साथ डिग्री कोर्स की पढ़ाई, पीएचडी भी कर सकेंगे।
संभाग के इकलौते और सबसे बड़े राजीव गांधी शासकीय ऑटोनॉमस पीजी कॉलेज में नए सत्र से नई शिक्षा नीति 2000 के मापदंडों के तहत 4 वर्षीय डिग्री कोर्स शुरू होगा।इसको लेकर प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी है और पूरा पाठ्यक्रम ही अब अलग होगा।यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी 4 वर्षीय अंतर विषयक डिग्री कोर्स करेंगे। यह पूरी तरह रिसर्च बेस्ट कोर्स होगा।इसमें विद्यार्थियों को इस नाटक के बाद सीधे पीएचडी करने का भी अवसर मिल सकता है।इसके लिए उसे 4.5 सीजीपीए अंक अर्जित करना होगा। पीजी करने उन्हें सिर्फ 1 वर्ष की पढ़ाई करनी होगी। इससे विद्यार्थी को एक से डेढ़ साल की बचत होगी।सबसे खास बात यह है कि अंतर विषय पाठ्यक्रम में विद्यार्थी अपने संकाय के अलावा दूसरे संकाय से कोई एक विषय का चयन कर उसकी पढ़ाई कर सकेंगे।इसकी डिग्री भी उसे मिलेगी पीजी कॉलेज को पिछले साल ही स्नातक में ऑटोनॉमस की मान्यता मिली थीं।
छात्रों का बनेगा क्रेडिट बैंक
4 वर्षीय पाठ्यक्रम से डिग्री कोर्स करने वाले विद्यार्थियों का क्रेडिट बैंक बनेगा।इसमें यदि कोई विद्यार्थी बीच में ही किन्ही कारणों से पढ़ाई छोड़ देता है तो उसके द्वारा क्लास रूम में जो भी अध्ययन किया गया होगा। क्रेडिट बैंक में जुड़ जाएगा। यदि वह दोबारा कहीं परवेश लेता है पिछला अध्ययन भी उस में जोड़ा जाएगा और उसे मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेगा।
स्नातक में विधि व एनसीसी को भी एक विषय के रूप में चयन का अवसर
4 वर्षीय पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को विधि व एनसीसी को एक विषय के रूप में चयन करने का अवसर मिलेगा। एन सी सी विषय उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगा, जो एनसीसी के कैंडिडेट्स हैं। पहले विधि को इस नाटक में एक विषय के रूप में लेने का अवसर नहीं होता था। या अलग से 4 वर्षीय कोर्स के रूप में है,लेकिन आप आर्ट्स, साइंस व कॉमर्स की विद्यार्थी अपने विषय में विधि को भी शामिल कर सकते हैं।
अंतर विषयीय पाठ्यक्रम में इस तरह विषय चयन का मिलता है अवसर
अंतर विषय पाठ्यक्रम में यदि कोई विद्यार्थी 4 वर्षीय डिग्री कोर्स करता है तो उसे अपने विषय के चयन में अपने संकाय के अलावा दूसरे संकाय से विषय चयन करने का अवसर रहता है। अभी तीन विषय डिग्री कोर्स में बीएससी मैथ्स ग्रुप का विद्यार्थी मैथ फिजिक्स केमिस्ट्री लेता है अंतर विशेष पाठ्यक्रम में वह मैथ वह physics के बाद दूसरे संकाय का आर्ट्स ,कॉमर्स भी कोई विषय ले सकता है।
4 वर्षीय अंतर विषयीय डिग्री कोर्स से विद्यार्थियों को होगा फायदा
शासन के आदेश पर कॉलेज में नए सत्र से 4 वर्षीय अंतर विषयीय डिग्री कोर्स के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसका फ्रेमवर्क बनाने कमेटी बना दी गई है। 4 वर्षीय डिग्री कोर्स से विद्यार्थी को काफी फायदा होगा। इससे उन्हें समय की बचत होगी और बीच में पढ़ाई छोड़ने के बाद यदि वे दोबारा एडमिशन लेते हैं, तुम फोन का पीछे का कोर्स बरकरार रहेगा इसमें और कई फायदे हैं।
डॉ रशीदा परवेज,
प्राचार्य राजीव गांधी शासकीय ऑटोनॉमस पीजी कॉलेज अंबिकापुर
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