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निबंध मातृभूमि में वर्णित भारतवर्ष के स्वरूप का वर्णन कीजिए

  मातृभूमि निबंध में लेखक वासुदेव शरण अग्रवाल ने भारतवर्ष का अद्भुत गुणगान किया है इस निबंध रचना को पढ़ने से संपूर्ण भारत का दर्शन हो जाता है लेखक ने भारत का वर्णन करते हुए कहा भारत के उत्तर में कश्मीर प्रदेश सुशोभित हैं उत्तरी सीमा पर पर्वत श्रृंखला है जिसके दूसरी ओर वक्तु व कपीशा नदी है कश्मीर खंड की राजधानी श्रीनगर है यहां की जलवायु विलक्षण है कश्मीर के मध्य सिंधु नदी बहती है वही सिंधु नदी के समीप तक्षशिला नगरी थी



 कृष्णा नदी
 जम्मू कश्मीर

 पंजाब की एक कोने में मुल्तान नगर है जहां का मार्तंड मंदिर अपने समय में भारत का स्थापना कला का अद्भुत उदाहरण है पंजाब के दक्षिण पूर्व में इंद्रप्रस्थ था इस प्रदेश में महाराज हंसते ने हस्तिनापुर बसाया था यमुना नदी के तट पर खड़े होकर देखने से दाहिने हाथ की ओर विशाल राजस्थान है और भाई और संयुक्त प्रांत है जहां सरस्वती नदी समुद्र से मिलती थी उस मरूभूमि से मिलती थी यमुना की बाई और महर्षि देश है यहां गंगा के तट पर पंजालयों की कान्य  कुब्ज  नामक राजधानी है। मथुरा माया अयोध्या, काशी ,कौशांबी श्रावस्ती, आदि प्रसिद्ध पूरिया यहीं पर है ।शूरसेन राज्य की राजधानी मथुरा योगीराज भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है। उत्तर कौशल की राजधानी अयोध्या नगरी में श्री रामचंद्र ने जन्म लिया जहां आज भी सरयू नदी अयोध्या के पास से उसी प्रकार बढ़ रही है संत शिरोमणि तुलसीदास ने काशी में ही तन त्याग किया ।इसी काशीपुरी में हिंदू विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ।

 मगध प्रदेश में 800 वर्षों तक भारत के गौरव की रक्षा करने वाला प्रधान पाटलिपुत्र नगर है इस पाटलिपुत्र को मेकला के सम्मान सहरी परीक्षा चारों ओर से गिरे हुए थे मध्य भारत में मलवा प्रदेश है यही अवंती और विदिशा नामक राजधानियां हैं इसी भाग में सांची और भरहुत के सपोर्ट है ।जिनकी शिल्प कला के कारण मातृभूमि का गौरव प्रकट होता है मध्य भारत के दक्षिण में मध्य प्रदेश है यही विंध्य और पटियाल पर्वतों के बीच रेवा नदी बहती है यहां के पर्वतों और 1 खंडों मैं अभी तक आदिम सभ्यता बस्ती है ।महा कांतर और दंडकारण्य यही  थे जहां भगवान श्री राम लक्ष्मण और माता सीता ने भ्रमण किया था। इस के दक्षिण में विदर्भ देश है ।जहां दमयंती और इंदुमती जैसे रमणी रत्ना हुई हैं।

 पश्चिम में उत्तर से दक्षिण तक फैला हुआ महाराष्ट्र देश है महाराष्ट्र के मध्य भाग में भीमा नदी के दक्षिण तट पर पंढरपुर स्थित है दक्षिण का द्रविड़ देश भक्ति और ज्ञान का आधार है इस दक्षिणा पद के कई भाग हैं गोदावरी और कृष्णा नदी के बीच आंध्र प्रदेश है जहां श्री सेल्डा साराम और कालेश्वर के शिवलिंग है इसी से या प्रांत तेलंगाना भी कहलाता है ।कर्नाटक या तमिल प्रांत पूर्वी समुद्र तट पर दूर तक फैला हुआ है यहां कावेरी ताम्रपर्णी नदी है शमी सागर के तट पर प्रांत किरण और मैसूर मातृभूमि के प्रिय सम्मान है ।इस प्रकार उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक देश के विभिन्न प्रांतों अपने से मैं मौलिकता के लिए हुए हैं इनका सम्मेलन देश की भौगोलिक आदित्य बनाता है।

1 टिप्पणी:

  1. प्रणाम सर जी बोहोत साधुवाद मातृभूमि का ज्ञान महकता के बारे में
    आप की जानकारी एक अच्छा ज्ञान भी है और बची प्रेर्णा भी है जी।

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