संस्कृति और परंपरा में बहुत अंतर दिखाई देता है।संस्कृति अमिट एवं अपरिवर्तनशील है जबकि परंपरा एक समय के बाद धीरे-धीरे लुप्त या परिवर्तित होता है।संस्कृति पीढ़ी दर पीढ़ी चली जाती है जबकि परंपरा को नई पीढ़ी नए ढंग से देखने का प्रयास करती है शिक्षा के विकास के साथ-साथ परंपरा में नयापन देखा जाता है संस्कृति सर्वमान्य होती है जबकि परंपरा का निर्वाह सभी करते हो यह जरूरी नहीं जान पड़ता।
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