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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छत्तीसगढ़ में 2023


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 21 जनवरी को छत्तीसगढ़ में खेला जाएगा।

आगामी 21 जनवरी को रायपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के लिए रायपुर पहुंची भारत और न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का हमारी भूपेश बघेल द्वारा स्वागत किया गया हमारा राजकीय गमछा और छत्तीसगढ़िया पारंपरिक स्वाद हमारी संस्कृति और खानपान से खिलाड़ियों का परिचय कराया गया। 



आज के इस आर्टिकल में हम छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे नीचे दी गई आर्टिकल राजकीय गमछा के संबंध में लिखी गई है कि इस महत्वपूर्ण गमछा को कब और किसके द्वारा और किन है दिया जाता है।


छत्तीसगढ़ राजकीय गमछा छत्तीसगढ़ राजकीय 


गमछा को दो प्रकार के किस किस्मों से निर्मित किया गया है 
1. टसर सिल्क 2. कॉटन सिल्क 
टसर सिल्क - तसर सिल्क से बनने वाले गमछा को चांपा के बुनकरों द्वारा बनाया जाता है 

 कॉटन - कॉटन से बनने वाले गमछा को बालोद और राजनांदगांव के बुनकरों द्वारा बनाया जाता है। 



इस गमछे का लोकार्पण भूपेश बघेल द्वारा 14 अक्टूबर 2021 को किया गया था जिसके संस्थापक भूपेश बघेल है इस गमछे में राज्य के पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहर को समेटे हुए डिजाइन किया गया है अर्थात बनाया गया है और इस गमछे का लोकार्पण किया गया है। खास बात यह है कि गमछा के ताने में 2/40 अकाउंट का कॉटन यार्न है इस गमछे की चौड़ाई 24 इंच तथा लंबाई 84 इंच है इस सिल्क गमचे का मूल्य 1534 रुपए जीएसटी के साथ तथा मजदूरी बुनकरों को ₹120 प्रति नग दिया जाता है कॉटन गमछे का मूल्य ₹239 जीएसटी के साथ प्रति नग है तथा गोदना हस्त शिल्पा द्वारा तैयार किया गया है। 95% शिल्पकार उनको दिया जाता है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इन गमछा को राज्य स्मृति चिन्ह के रूप में मान्यता दिए जाने से बुनाई के माध्यम से 300 रुपए बुनकरों को तथा ₹100 गोदना शिल्पो को वर्ष भर का रोजगार प्राप्त होता है कॉटन गमचे की मजदूरी ₹60 प्रति नग है। जिससे यहां की जांजगीर चांपा तथा बालोद और राजनांदगांव में निवास करने वाले शिल्पकार ओं का रोजगार बढ़ता है। यह आर्टिकल यदि आपके लिए हेल्पफुल रहा है तो फॉलो करना बिल्कुल ना भूलें और इसी तरह की आर्टिकल इस वेबसाइट में पोस्ट किए जाते हैं यह आपके लिए सहायक हो सकती है आगामी करंट नॉलेज के लिए आप कमेंट में बिल्कुल टाइप करना ना भूलें।

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